देहरादून. उत्तराखंड सरकार ने मेहमानों के चाय-नाश्ते पर बीते 9 महीने में सरकारी फंड से 68 लाख 59 हजार 865 रुपए खर्च कर दिए। एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है। बता दें कि 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
दिसंबर में लगाई गई थी एप्लिकेशन
- हेमंत सिंह गौनियां नाम के आरटीआई एक्टिविस्ट ने 19 दिसंबर 2017 को एप्लिेकशन लगाई थी। इसमें पूछा गया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से अब तक चाय-पानी तक कितना सरकारी पैसा खर्च हुआ?
RSS प्रचारक रहे हैं रावत
- 19 साल आरएसएस के प्रचारक रहे त्रिवेंद्र रावत ने 18 मार्च, 2017 को उत्तराखंड के 9th सीएम के रूप में शपथ ली थी। रावत झारखंड बीजेपी के इंचार्ज भी थे।
- बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी और जर्नलिस्ट रह चुके रावत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने शाह के साथ काफी काम किया था।
- संघ की प्रदेश इकाई ने भी रावत के नाम पर मुहर लगाई थी। 2014 में झारखंड का इंचार्ज बनने के बाद इनके नेतृत्व में राज्य में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी।
- बता दें कि उत्तराखंड 2000 में यूपी से अलग होकर नया राज्य बना था।
कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत?
- त्रिवेंद्र रावत डोईवाला से जीतकर तीसरी बार विधायक बने हैं। 2002 में पहली बार विधायक बने थे। 2007 में भी विधायक रह चुके हैं। राज्य के कृषि मंत्री भी रहे हैं। मोदी और अमित शाह दोनों के ही करीबी हैं। बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी, यूपी के डिप्टी इंचार्ज और झारखंड के इंचार्ज रहे।
- रावत पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक के खैरासैण गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता प्रताप सिंह रावत सेना की रुड़की कोर में रह चुके हैं। लिहाजा उनका सेना से खासा लगाव है। उन्होंने कई शहीद सैनिकों की बेटियों को गोद ले रखा है।
- त्रिवेंद्र की पत्नी सुनीता स्कूल टीचर हैं। इनकी 2 बेटियां हैं। ये 9 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। इन्होंने श्रीनगर यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में एमए किया था।