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किसानों ने सीखे हर्बल आयुर्वेदिक औषधीय खेती के साथ साथ गौ माता की महत्ता को जाना

जयपुर. हर्बल आयुर्वेदिक औषधीय पादपों की अत्याधुनिक तरीके से खेती करने के लिए पिंजरापोल गोशाला स्थित सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। हैनीमेन चेरिटेबल मिशन सोसायटी व इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी ऑफ ऑर्गेनिक हब्र्स एण्ड फूड प्रोसेस रिसर्च के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस शिविर में देश के करीब सात राज्यों के युवा किसानों ने हिस्सा लिया। इन युवा किसानों ने एलोवेरा, स्टीविया (मिठी तुलसी), लेमन ग्रास, सफेद मूसली, तुलसी, जेट्रोपा की अत्याधुनिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की। डॉ. अतुल गुप्ता ने देश के किसानों को आर्थिक आजादी दिलाने व व्यापारिक दृष्टि से मजबूत बनाने के लिए हर्बल आयुर्वेदिक औषधीय खेती के बारे में बताया। उन्होंने हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के 40 से अधिक युवा किसानों को आयुर्वेदिक औषधीय खेती के लिए बैंकों की ओर से देय ऋण योजनाओं के बारे में  हर महीने में दो बार  होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में ट्रेनिंग दी जाती है और साथ ही उनको आर्थिक विकास की योजनाओं से अवगत कराया जाता है
सनराइज कम्पनी के डायरेक्टर प्रशांत चतुर्वेदी  ने बताया कि पिंजरापोल गौशाला परिसर में सनराइज आर्गेनिक पार्क में देशभर के किसानों को अत्याधुनिक खेती का गहन प्रशिक्षण देने के लिए हर माह शिविर आयोजित किया जाता है। इसमें न केवल उन्हें औषधीय खेती की तकनीक के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है बल्कि फसल की खरीद के लिए भी अनुबंध किया जाता है।
साथ ही विभिन्न बैंकों द्वारा किसानों को ऋण प्रदान करने संबंधी योजनाओं व सब्सिडी के बारे में बताया गया।
गौ माता के गोबर से लकड़ी के निर्माण को लेकर डॉ अतुल गुप्ता का कहना कि प्रदेश में लाखों क्विंटल लकड़ी काट कर शमशान घाट में जलाई जाती है पेड़ो को काटने से रोका जाए इसलिए उनका कहना है कि गाय के गोबर से निर्मित लकड़ी का उपयोग किया जाए

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